Sunday 16 March 2014

होली-पे...............



होली-पे तेरी दस्तख क्या हुई

मन तेरे रंगों मे रंग गया 

जिस रंग और गुलाल से

डरता था  “ आशा “

उसमें प्रियतमा तेरी मुस्कराहट का,

रंग घुलकर मुझे तेरे रंगों मे रंग गया |

 

( नवीन कुमार “आशा” )

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