बेटियों को समर्पित यह कविता | लक्ष्मी का वो रूप होती है बेटियाँ जो सदैव अपने पिता के हृदय के समीप होती है | आप-सभी पाठक राय अवश्य दें |
Saturday 31 October 2020
Friday 30 October 2020
" नई ज़िंदगी " सोनू माही द्वारा रचित ये कविता ' प्रथम कविता प्रतियोगिता-2020' में सांत्वना पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है | यह कविता ज़िंदगी की अहमियत का संदेश देते दिख रही है | आप-सभी अपनी राय अवश्य दें |
Friday 23 October 2020
प्रस्तुत है " पतझड़ ", सुश्री कृतिका शर्मा के द्वारा लिखीं इस कविता में जीवन की सच्चाई दिखती है | " प्रथम कविता प्रतियोगिता-2020" में सुश्री शर्मा की इस कविता को सांत्वना पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है | यह कविता पतझड़ के बहाने 'महत्वता ' को समझाने का कार्य कर रही दिखती है | आप-सभी पाठक अपनी राय अवश्य दें |
शाखों ने जगह नहीं दी उस पत्ते को,
ना ही हवाओं ने उसे रोका,
टूट गया फिर वो सब से,
दूर कहीं खो गया,
अवारा सा घूमता था,
बेपरवाह सा झूमता,
बेफिक्र हो गई ज़िन्दगी,
अनजाना सा सफ़र हो गया,
किसी ने ना ढूंढा उसे,
किसी ने ना पूछा,
इस पतझड़ के मौसम में,
वो पता नहीं कहाँ सो गया ||
कृतिका शर्मा
अम्बाला, हरियाणा
Thursday 22 October 2020
अधिकार
अक़्सर तानों का डेरा रहता,
लड़की हूँ ये कह कर हर वक़्त
जीने का अधिकार हमसे छिना
जाता ?
लड़की हो क्या करोगी पढ़कर,
पढ़-लिख भी तो चूल्हा तुम्हें ही
जलाना होगा ।
लड़की हूँ तो क्या अरमान मेरे
मन के भीतर ना उभरे,
क्यों अक़्सर लड़की कह मुस्कुराने
का अधिकार भी जग हमसे छिने ?
मौका अगर मिले बेटीयों को आसमान में
ख़ुद के बल विचरण कर लेंगी ,
फिर क्यों राह चलते हर कोई बेटी होने
का तंज दे जाते अक़्सर ?
बेटी घर की होती लक्ष्मी
ये तो अक़्सर हमने सुना है ,
फिर क्यों भाई के कंधे से कन्धा मिला
चलने पर
बेटी कुलक्षणी कहलाती है ?
पिता की लाडली बन हर सम्मान
दिलाने की ज़ज़्बा रखती है बेटियाँ,
फिर क्यों अक़्सर अपने ही घर में
दुलार-प्यार से वंचित रहती है बेटियाँ ?
एक बार मौका दे देखो नाज़ करोगे
बेटी पर,
मान बढ़ाएंगी-कुल का दीपक जलाएंगी
बूढ़े पिता का श्रवण कुमार कहलाएंगी
आखिर कब-तक अग्नि के ताप में यूँ
ख़ुद को जला मुस्कुराए एक लड़की ,
दो तो एक मौका समाज का नाम बढ़ाये
एक लड़की
यूँ अबला बन उसे बूत ना बनाओं ,
जग की शान होती एक लड़की
घर का दीपक होती एक लड़की
फिर क्यों अक़्सर तानों के घेरे में
ख़ुद को रख
बिना किसी सहारे चलती एक लड़की ||
निवेदिता पांडेय,
Mau , U,P
Wednesday 21 October 2020
मेहनत
'प्रथम कविता प्रतियोगिता -2020 ' में तृतीय स्थान हेतु सुश्री शिवानी द्विवेदी की कविता 'गुज़ारिश ' का चयन किया गया है | आप-सभी पाठक अपनी राय अवश्य दें |
Monday 19 October 2020
प्रथम कविता प्रतियोगिता-2020 में द्वितीय पुरस्कार हेतु ' श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव' की कविता का चयन किया गया है | पाठक के समक्ष कविता ' दुआ ' तथा आप-सभी अपनी राय अवश्य प्रदान करें |
Friday 16 October 2020
तुलनात्मक अध्ययन
मेरे शब्द आजकल कम हो गए , लगता है जैसे राह में हम अकेले हो गए तुलनात्मक अध्ययन की राह में रख दिया है हमको कहो मेरी मुस्कान पर भी अब हर ...
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' प्रथम कविता प्रतियोगिता -2020 ' में पांचवें स्थान पर सुश्री निवेदिता पांडेय की कविता ' अधिकार' का चयन किया गय...
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" नई ज़िंदगी " सोनू माही द्वारा रचित ये कविता ' प्रथम कविता प्रतियोगिता-2020 ' में सांत्वना पुरस्कार हेतु चयनित किया गया ...