Friday 14 March 2014

"काश "

काश ,तन्हाईं के आलम में तू पास होती
काश , दिल-ए-अजीज तुम बस तुम होती
काश , आँखों से जो आँसू निकलता " वो आँसू तुम होती "
 काश , आँखें जब बंद करता ,
 उन बंद आँखों की एहसास तुम बस तुम होती
"काश "..............

No comments:

Post a Comment

तुलनात्मक अध्ययन

 मेरे शब्द आजकल कम हो गए , लगता है जैसे राह में हम अकेले  हो गए  तुलनात्मक अध्ययन की राह में  रख दिया है हमको  कहो मेरी मुस्कान पर भी अब हर ...