Thursday 6 March 2014

इक इतिहास बनाओगे…..

इक इतिहास बनाओगे…..
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मोड़ कैसा भी आए जिंदगी मेँ
,खुद से ना घबराना
धैर्य के बंधन मेँ बंद जाओ,
ऐसा एक संगम बन जाओ
कदम अगर चाहे रुकने को,
लड़खड़ाते ही सही उसे तुम जगाना
कानोँ को बंद कर लेना तुम,
ताना अगर कोई मारे
एक बात हमेशा याद रहेँ
लक्ष्य से ना भटकना तुम
कितना भी कोई अभिशाप कहे ,
माता पिता के लिए शाप कहे
कोई अगर ना थामे हाथ
उस वक्त ना घबराना
जब दिल चाहे रोने को
आयना देख तुम रोना
एक सुकून तुम पाओगे,फिर इक इतिहास बनाओगे
इक इतिहास बनाओगे।
(नवीन के आशा

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