"प्रथम कविता प्रतियोगिता -2020" में चतुर्थ स्थान पर सुश्री गुड़िया कुमारी की रचित कविता ' मेहनत ' को चुना गया है | सभी पाठक अपनी राय अवश्य दें |
मेहनत
मेहनत ही तो है, जो किसी गरीब को अमीर बना देती है।
मेहनत ही तो है, जो हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने का सपना दिखाती है।
मेहनत ही तो है, जो ज़िन्दगी के संघर्ष भरी राह में चलने की प्रेरणा देती है।
मेहनत ही तो है, जिसमें गिर के उठना, उठ के गिरना;
ज़िन्दगी में निरंतर चलने का साहस देती है।
मेहनत ही तो है, जो ज़िन्दगी की कठिनाइयों को पार कर के,
सुखों के सागर तक पहुँचा देती है।
मेहनत ही तो है, जो ज़िन्दगी के अंधकार भरी राह में,
दिया बनकर रोशनी की ओर राह दिखाती है।
Nice 👌
ReplyDeleteThank you 😊
DeleteBahut khub.
ReplyDeleteDhanywaad
DeleteNice
ReplyDeleteThank you
ReplyDeleteWell expressed
ReplyDeleteThank you 😊
Deleteमेहनत को बहुत ही खूबसूरती के साथ व्याख्यायित किया है आपने... बहुत खूब... ऐसे ही लिखते रहें 👍👌
ReplyDeleteThank you so much ❤️
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