फोनवा कैसा रखे है ? बड़का है या छोटका ? मायनें ये नहीं रखता | फ़ायदा
तो कुछो न है ,काहे की फ़ोनवा तो फैशन हो गया | फ़ोनवा लगा रहे हो ,तो सचेत रहे
फोनवा पीक न होगा | बाद मे , मिसिज मिलेगा “ बिजी .....टॉक टू यू लेटर “ | भावना
मे बह-रहा कि अचानक याद आया “अरे मेला का सीजिन चल रहा है | फ़ोनवा न उठानें का
कारण शायद यह भी हो सकता है “ कहीं सनेश न मांग ले “ |
नवीन कुमार “आशा “
No comments:
Post a Comment